Health News- सुबह देर से सोने वाले किशोरों में मधुमेह का सबसे ज्यादा खतरा, शोध का दावा

आप बचपन से सुनते आ रहे होगें की स्लीप अर्ली, वेक अप अर्ली क्योंकि ऐसा करने से आपको स्वास्थ्य सही रहता हैं और बुद्धि बेहतर होगी। सदियों से इस कहावत को केवल एक मजाक के तौर पर लिया जाता था, लेकिन अबह विज्ञान ने भी इसे सही मान लिया हैं, अगर रिपोर्ट्स की माने तो सामने आया हैं कि इस बारे में एक अहम निष्कर्ष निकाला गया है।
जो किशोर हर सुबह देर तक सोते हैं, उन्हें भविष्य में मधुमेह सहित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के होने का अधिक खतरा होता है।
एक अध्ययन किया है, इस अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने किशोरों के खाने की आदतों का अध्ययन किया। इसके लिए उन्होंने हफ्ते में साढ़े छह हफ्ते और अगले हफ्ते साढ़े नौ घंटे की नींद देखी। दोनों ही मामलों में, स्वयंसेवकों को समान कैलोरी दी गई।
इस शोध में शामिल शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग थके हुए थे उन्होंने औसतन 12 ग्राम चीनी खाई। यानी साल भर में ढाई से तीन किलो चीनी उनके शरीर में चली गई। यानी रोजाना तीन चम्मच चीनी।
हम कितना खाते हैं उससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि हम क्या खाते हैं, जब हम ऐसे खाद्य पदार्थ खाते हैं जो शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं, यानी ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं, या ऐसे खाद्य पदार्थ जो चीनी में उच्च होते हैं, तो उनका ऊर्जा संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ये चर्बी भी बढ़ाते हैं, जिसकी वजह से वजन तेजी से बढ़ता है।
यही कारण है कि आजकल किशोरों का वजन बढ़ रहा है। कई अध्ययनों से पता चला है कि रोजाना पनीर खाने से कार्डियोमेटाबोलिक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे दिल का दौरा, स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि अत्यधिक नींद से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन में कहा गया है कि जो लोग रात में 9 से 11 घंटे की नींद लेते हैं, उनमें दिल का दौरा पड़ने का खतरा 38 प्रतिशत अधिक होता है।
किशोरावस्था में मोटापा एक बड़ी समस्या बन गया है। इसलिए खान-पान और सोने की आदतों पर ध्यान देना जरूरी है।